38. लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक" जी के 2गो कबिता (गीत) (75, 76) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता

1-
ई अर्जुन वाला बान हवे
चमचम चमके ऊ चान हवे
हिन्दू हो भा मुस्लिम होखे
सभकर ई स्वाभिमान हवे
जवना माटी में जनमे ला उत्सुक सगरो भगवान रहे
भाई हो अईसन जनमभूमि आपन ई हिन्दुस्तान हवे।
एकरा रच्छा में खड़ा अडिग बा अटल हिमालय जानs तूँ
भाषा आ भेष अलग बा पर बा एक करेजा जानs तूँ
अनेकता में एक रहल ईहे एकर पहिचान हवे
भाई हो अईसन जनमभूमि आपन ई हिन्दुस्तान हवे।
ई उहे देश ह जहाँ बनेला पुल सागर पर पाथर के
इहें भईल लीला सगरो श्री गिरधर नटवर नागर के
हs पूरा विश्व कुटुम्ब एक इहे त आपन गान हवे
भाई हो अईसन जनमभूमि आपन ई हिंदुस्तान हवे।
एकरा माटी के नमन करs आ आगे डेग बढ़ावs तूँ
अपना भाषा अपना माटी के ईहे गीत कढ़ावs तूँ
भारत के माटी से बढ़ि के ना कवनो भी भगवान हवे
भाई हो अईसन जनमभूमि आपन ई हिंदुस्तान हवे।


2-
अपना भाषा के तूँ ईज्जत आज बचावs ए भाई
कवनो भी अश्लील गीत मत गावs ए भाई।
भीड़ भरल बा फूहर गावे वालन के सगरो
फुहर गावे वालन के लजवावs ए भाई।
खोजला पर मिल जाई बढ़िया गीत ग़ज़ल देखs
खोजि खोजि के अईसन गीत बजावs ए भाई।
रोअत होइहें बइठ भिखारी आज सरग में भी
उनका खातिर एक साथ सब आवs ए भाई।
हर जुग में अच्छाई के जयकार भईल बा जी
अच्छाई के मिलजुल आज बढ़ावs ए भाई।
ई अँधियार फुहरपन के अपने से छंटि जाई
अच्छाई के  "दीपक" आज जरावs ए भाई।
अपना भाषा के तूँ ईज्जत आज बचावs ए भाई।

लोकेन्द्र मणि मिश्र "दीपक"
पिता का नाम- श्री सिद्धेश्वर मिश्र
माता का नाम- श्रीमती उर्मिला देवी
ग्राम- भिण्डा मिश्र
पोस्ट- भाटपार रानी
जिला देवरिया
उत्तर प्रदेश
Mobile: 9169041691

ब्लॉग: lokendradeepak.blogspot.com
शिक्षा - बीटेक (2018)
प्रकाशित रचनायें- कदमों के निशान, काव्योदय -2, गीतिकालोक ( सभी साँझा काव्य संग्रह) तथा भोजपुरी पंचायत, आखर ,कंचनमेधा (आध्यात्मिक पत्रिका) सहित विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित।
भाषा: भोजपुरी, हिंदी और अंग्रेजी।

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