45. श्री भगवान पाण्डेय जी के 2गो कबिता (गीत) (87, 88) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता


1. गीत 
चाँद झांके बदरिया के पार
           अँजोरिया बारि-बारि के।
रात विहंसेले करिके  सिंगार
            सनेहिया   ढ़ारि-ढ़ारि के।
अँगना में अंखुआइल असरा फुलाइल
रजनी   के  गंध  में सपनवां  भुलाईल
रचे लागल  ई अलगा संसार
              डहरिया  झारि-झारि के।
बाँसुरी   बजावेले  घनी    बंसवरिया
सुध-बुध भुलाईल बा एही  नगरिया
जहाँ  बगिया  लुटावे  बहार
                मोजरिया गारि-गारि के।
खोजे  चंदनिया   में  चकवा चकइया
गदराइल बाग  भरल  तलवा तलइया
फूल  भंवरा  खातिर  बेकरार
                 पंखुरिया  झारि-झारि के।
टुकुर-टुकुर हंस के हँसिनिया   निहारे
अँखियन में बात भइल नदिया किनारे
पल में सातो जनम  के करार
                  भइल गाँठ पारि-पारि के।
कजरा के कोर और बिंदिया पुकारे
पायल आ कंगन भी बाजत  दिठारे
बाकिर करवट अबहियो लजार
                  निहोरवा टारि-टारि के।

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                    2. ग़ज़ल 
कहीं  एहिजा के भला दूध के धोआइल बा
बहत गंगा में सभे   छूटि  के   नहाइल   बा।
कमल बेदाग ठठा  के  हँसत बा   पांकी में
देखीं सूरज   ही   नाबदान  में  लेटाइल बा।
सुनीं वियाह में हंसुआ के गीत खुरपी   के
इहे घर-बार  से  दरबार तक   गवाइल   बा।
रहे    सपना   त   इहाँ   रामराज  लावे  के
कहाँ  लंका जरल? रावण  कहाँ मराइल बा।
रहे आकास त$  सूरज आ चाँद के एकही
जवन   धरती  प   दुगो  देश में बंटाइल बा।
रहे मियाद जवन रोग के  इहाँ  दस   दिन
तवन इलाज से घर-घर में अब समाइल बा।
बैद बदलल त बेमारी भइल     महामारी
दवा हर पांच बरिस तक इहाँ खोजाइल बा।
रोग से बैद के ना भेंट हो सकल  अबतक
भइल  टी बी बा दवा   कब्ज के दियाइल बा।
पढ़ल जे फारसी  देखीं  उ तेल   बेचत बा
डरे माटा के झोंझ   आज तक पोसाइल बा।
चुस्त अब राज काज होगइल भइल हल्ला
चोर ककरी के  काल्हु  गांव में  धराइल बा।
देखि के दशा दिशा लोग भी निरास भइल
बात कहवाँ  के रहे अब कहाँ ले  आइल बा।

परिचय-
नाम            श्री भगवान पाण्डेय "निरास"
योयता।      एम.एस-सी,एम.एड,एल.एल.बी प
कार्य क्षेत्र।  शिक्षा विभाग बिहार(बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग में विभिन्न पदों पर कार्यकर्ते हुए प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से सेवा निवृत्त)
उपलब्धि।   1988 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।
1975 से आकाशवाणी पटना एवं 1984 से दूरदर्शन से कार्यक्रमों का प्रसारण।
फिल्मों के लिए गीत रचना
सम्पादन अभिप्राय,बक्सर के नवरत्न
प्रकाशन
संभावनाओं से परे(हिन्दी काव्य संकलन)
भोजपुरी के श्रृंगार गीत(सङ्कलन)
कविता कमाल के(भोजपुरी काव्य संकलन)
रचनाओं का प्रकाशन हिन्दी एवं भोजपुरी के पत्र/पत्रिकाओं में होते रहता है।
सम्प्रति   अधिवक्ता बक्सर
संपर्क   शिवगोविंदायतन,पी.पी.रोड बक्सर
         जिला :बक्सर बिहार 802101

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