श्री कन्हैया प्रसाद रसिक जी के 1गो अउर होरी गीत (16) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
पियवा जे रहिते तs बैदा बोलइते
गोदिया उठाके लहर उतरइते
देवरा भइल बाटे साग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
होली के लहरा सब कोई गावे
मारे दरद के कुछ नाहीं भावे
बाउर बा जोगिरा के राग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
मन बउराइल बा डेग डगमगाता
चढ़ेला लहरिया त तन छटपटाता
कइसे मनाइब अब फाग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
पियवा जे रहिते तs बैदा बोलइते
गोदिया उठाके लहर उतरइते
देवरा भइल बाटे साग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
होली के लहरा सब कोई गावे
मारे दरद के कुछ नाहीं भावे
बाउर बा जोगिरा के राग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
मन बउराइल बा डेग डगमगाता
चढ़ेला लहरिया त तन छटपटाता
कइसे मनाइब अब फाग ए सखी फागुन में ।।
डँसले बा करिया नाग ए सखी फागुन में ।।
कन्हैया प्रसाद रसिक
परिचय:-
नाम- कन्हैया प्रसाद रसिक
ग्राम- हथडीहाँ ,
पोस्ट- सकरी रामनगर ( हसन बाजार)
जिला- रोहतास ( बिहार )
भूतपूर्व वायु सैनिक ( वारंट अफिसर )
कृति- पथिक-पाथेय और ऊँ भ्रष्टाचाराय नम: ( हिन्दी में काव्य संग्रह )
मोबाइल नं. - 8867651348
वाह! मन एकदम गदगद हो गइल।
जवाब देंहटाएं