श्री मुकेश कुमार ऋषि वर्मा के 1गो होरी गीत (07) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018

फगुनवा आई
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फगुनवा आई
मनवा लेत हिलोर
दिवरा भरी पिचकारी मारी भोर...
फगुनवा आई
देखी बार-बार तबहुं जी ना भरे
ऊपर से नीचे तक दई रंग तऊ जाने कूं मन ना करे...
फगुनवा आई
अँगनवा फूल खिलल
तन-मन खुश्बू बिखरल...
फगुनवा आई
मोरी चुनरी करी उत्पात
कछु ठीक नहीं हालात...
फगुनवा आई
जी चाही पिया संग करी अंखियां चार
पिया चली गयी सात समुंदर पार...
फगुनवा आई
रूप-रंग निखरी
तोहके याद पिया मन बिखरी...
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परिचय :-
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 
पिता - श्री पूरन सिंह जी
माता - श्रीमती रामा देवी जी
जन्म - 05/08/1993
शिक्षा - एम. ए., आई. जी. डी. बॉम्बे व पांच प्रमाण पत्रीय कोर्स
सम्मान - सैकडों
प्रकाशन - आजादी को खोना ना, संघर्ष पथ (काव्य पुस्तिकाएं) साथ ही देश-विदेश की सैकडों पत्र - पत्रिकाओं में, इंटरनेट पर, सोशल मीडिया में हजारों रचनाएं प्रकाशित
रूचियाँ - पत्रकारिता, अभिनय, पेंटिंग, लेखन आदि
सदस्य - कई सामाजिक, साहित्यिक, राजनैतिक, धार्मिक, कलात्मिक संस्थाओं में
अध्यक्ष - बृजलोक साहित्य-कला-संस्कृति अकादमी
संचालक - ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय
मुख्य आजीविका - कृषि-मजदूरी (मूलत् बेरोजगार)
पता - ग्राम रिहावली, डाक तारौली गुर्जर, तहसील फतेहाबाद, आगरा, 283111,उ.प्र., मो. 9627912535, 9927809853

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