श्री विद्या शंकर विद्यार्थी के 1गो होरी गीत (01) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018
रसिया ना माने रे रंग लिये आये ब्रज खोरी।
एक ओरे स्याम सुन्दर की टोली
दूजे ओर ब्रज के गोरी
लुक छिप स्याम मारे पिचकारी
भींग गई ब्रज की गोरी
रसिया ना माने रे रंग लिये करत बल जोरी।
उद्धव स्याम सखा भी आये
लाये ज्ञान के झोली
का होइहें ई ज्ञान गेंठरिया
जहाँ चले रंग रोली
उधो के सुधौ नाहीं रहले धई रंगे ब्रज गोरी |
लाल गुलाल उड़े गलियन में
हा हा हा हा धई गोरी
गोरी के गोर नरम कलइया
टूटी जइहें री ममोरी
होली रस्म कीजै होली में होली रहे बस होरी।
रसिया ना माने रे रंग लिये आये ब्रज खोरी।
विद्या शंकर विद्यार्थी
C/0 डॉ0 नन्द किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद सासाराम जि - रोहतास (बिहार)
पिन 821115
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