श्री विद्या शंकर विद्यार्थी जी के 1गो अउर होरी गीत (15) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018

होली खेलन आये बिहारी, रे माई


होली खेलन आये बिहारी, रे माई 
होली खेलन आये बिहारी, रे माई 

ब्रज के गलियन में शोर मचल बा 
शोर मचल बा रे जोर मचल बा 
चल$ता रंग पिचकारी, रे माई 
होली खेलन आये बिहारी, रे माई |                       

केहू के रंगता तन के चुनरिया 
तन के चुनरिया रे मन के चुनरिया 
बरीज ना माने बिहारी, रे माई                             
होली खेलन आये बिहारी, रे माई |

हमरो रे मनवा बा साध पुराइब
साध पुराइब रे आज पुराइब 
रंग दिहब हम बरियारी, रे माई 
होली खेलन आये बिहारी, रे माई |                     

चलेला होली में होरी बलजोरी
होरी बलजोरी रे होरी बलजोरी 
जाई ना मन के खुमारी, रे माई
होली खेलन आये बिहारी, रे माई |

विद्या शंकर विद्यार्थी 

टिप्पणियाँ

  1. होली प्रकासन के बाद, राउर अबहीं संपादन कार्य शिथिल बा, ई काहे?

    जवाब देंहटाएं
  2. होली प्रकासन के बाद, राउर अबहीं संपादन कार्य शिथिल बा, ई काहे?

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

24. जगदीश खेतान जी के दुगो कबिता (45, 46) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता

श्री आशुतोष पाण्डेय उर्फ आशु बाबा के 1गो होरी गीत (10) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018

सुश्री निशा राय जी के 2गो होरी गीत (13, 14) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018