माईभाखा समरिधी पहल - सतत माईभाखा प्रतियोगिता आयोजन

राउर विचार, सुझाव बहुते काम के रही।
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#माईभाखा कहानी अउर #कबितई #प्रतियोगिता की सफलता से मन एकदम्मे गदगद बा। दरअसल इ प्रतियोगिता ना हो के एगो सतत चलेवाला पहल बा, बस माईभाखा भोजपुरी के लेखन से समरिध करे खातिर अउर साथे-साथे हर लिखवइया के प्रोत्साहित करे खातिर। कबितई प्रतियोगिता में आपन रचना भेजे वाला हर कबि के नमन बा अउर पुरस्कार ना मिलल त का भइल, रउआँ लिख के ए पहल के साकार कइनीं, इ हे रउआँ अउर आयोजक दल खातिर सनमान बा। एतने ना, संग्रह में हर कबि की रचचन के सादर प्रकासित कइल जाता.....अउर रउआं सब के सनमानित करत नव जागरन प्रकासन एक-एक प्रति सबके सादर भेंट करी....अउर त अउर इ संग्रह के परचार-परसार होई त साथे-साथे माईभाखा के परचार-परसार भी होई अउर जेकरी-जेकरी लगे इ संग्रह पहुँची उ सब भी त रउआँ के पढ़ीं अउर सहेज के रखी....इ सब ए ले लिखत तानी की पहल महत्वपूर्ण बा, माईभाखा के समरिधी महत्वपूर्ण बा अउर साथे-साथे रउआँ सब के जोगदान। जय-जय।
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अब अपनी बात पर आवतानी- जल्दिए माईभाखा गीत प्रतियोगिता आ रहल बा। ए प्रतियोगिता में हर गीतकार के 3गो अप्रकासित अउर मौलिक रचना मँगावल जाई। 3गो ए हु में पुरस्कार रही अउर ए हु के संग्रह निकली अउर साथे-साथे कुछ अउर जबरजस्त सनमान 
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 भी रही- जवने के घोसना जल्दिए हो जाई। बस अनुरोध इ हे रही की राउर गीत अप्रकासित अउर मौलिक की साथे-साथे सकारात्मक, सार्थक रहे अउर स्लील रहे। जय-जय
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ए प्रतियोगिता-पहल खातिर राउर सुझाव आमंतरित बा। रउआँ बेहिचक आपन छोट भाई समझत हमके आपन विचार दे सकेनीं की ए पहल के कवने तरे अउर सार्थक अउर सकारात्मक बनावल जा सकेला। राउर विचार बहुते काम के रही अउर आयोजक दल बहुते लाभांवित होई। जय-जय
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माईभाखा सर्वोपरि...इ हे धेयय बा...बस...माईभाखा की समरिधी में रउरो जोगदान करीं...कवनो जरूरी नइखे की कहीं जुड़ के ही.....रउआँ खुदे लिख के, बोलि के माई के सनमानित करतानीं...इ हे माई खातिर बहुत बा...जय-जय
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एगो अउर बात- हम भोजपुरी भाखा के समरिध करेवाला संस्थन आदि से निहोरा करबि की भाखाई दृस्ति से माईभाखा के समरिध करे खातिर रउओँ कवनो पहल करतानी त ओकर जानकारी दीं....जेतना हो सकी, बन परी, सहजोग कइल जाई.......जय-जय.....माईभाखा सर्वोपरि.....जय-जय

सादर।

प. प्रभाकर गोपालपुरिया

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