28. अवनीश पाठक जी के 2गो कबिता (54, 55) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता
1.डेराला जे डर जाये से पहिले
डेराला जे डर जाये से पहिले
समझीं उ मु गइल मर जाये से पहिले
का होइ नतीजा इहो त सोंची
कवनो काम कर जाये से पहिले
पीतलो लागेला सोना के जइसन
आग मे जाके निखर जाये से पहिले
रउरा साथे का जाइ बताई तs
इ सब सोंची, बाकिर जाये से पहिले
खाली बा हाथ तs डेरात बानी हम
अपनहीं के घरे जाये से पहिले
ढेर इज्जत रहे लोरवो के
बाकिर आंखिन से उतर जाये से पहिले
ओरवा दिंहि सगरी काम ऐने के
सोंचतानी हम, ओने जाये से पहिले।।
2. हिंदी अंगरेजी उर्दू बोलीं
हिंदी अंगरेजी उर्दू बोलीं
बाकिर आपना भोजपुरियो के त जानल करीं
फादर मदर अंकल त जानते बानी
माई बाबू काका पितीयो के त जानल करीं
ठीक बा कि रउआ बहुते हुंसियार बानी
तबो बड़ बुजुर्गन के बात त मानल करीं
खइले होखब बहुते किसिम किसिम के बेजन
समै समै प सतुओ पियाज त सानल करीं
रउआ त बरखा के मजा लेबे में भीजतानी
बरखा मे भींजत गरीबन प कबो छाता त तानल करीं
रहीं कहीं सीखीं पढ़ीं कौनो भासा
बाकिर आपना भासा से नेह छोह त राखल करीं।।
अवनीश पाठक, गांव मकरियार, सिवान
डेराला जे डर जाये से पहिले
समझीं उ मु गइल मर जाये से पहिले
का होइ नतीजा इहो त सोंची
कवनो काम कर जाये से पहिले
पीतलो लागेला सोना के जइसन
आग मे जाके निखर जाये से पहिले
रउरा साथे का जाइ बताई तs
इ सब सोंची, बाकिर जाये से पहिले
खाली बा हाथ तs डेरात बानी हम
अपनहीं के घरे जाये से पहिले
ढेर इज्जत रहे लोरवो के
बाकिर आंखिन से उतर जाये से पहिले
ओरवा दिंहि सगरी काम ऐने के
सोंचतानी हम, ओने जाये से पहिले।।
2. हिंदी अंगरेजी उर्दू बोलीं
हिंदी अंगरेजी उर्दू बोलीं
बाकिर आपना भोजपुरियो के त जानल करीं
फादर मदर अंकल त जानते बानी
माई बाबू काका पितीयो के त जानल करीं
ठीक बा कि रउआ बहुते हुंसियार बानी
तबो बड़ बुजुर्गन के बात त मानल करीं
खइले होखब बहुते किसिम किसिम के बेजन
समै समै प सतुओ पियाज त सानल करीं
रउआ त बरखा के मजा लेबे में भीजतानी
बरखा मे भींजत गरीबन प कबो छाता त तानल करीं
रहीं कहीं सीखीं पढ़ीं कौनो भासा
बाकिर आपना भासा से नेह छोह त राखल करीं।।
अवनीश पाठक, गांव मकरियार, सिवान
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