2. राश बिहारी जी के 1गो कबिता (2) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता

धत तेरी की ,
हमर मती मारल गईल ।
आतंकी के पुलिस मरलस ,
खुब शोर सराबा भइल ।
बे सिर पयर के नेतवन के ,
मुह बोकन सा भइल ।
धत तेरी की ।
लुटे वाला लुट रहल बा,
बपैती सब मान के ।
पुछे वाला मार खात बा ,
कदर नइखे अपमान के ।
धत तेरी की।
भोजपुरी फिल्म हो गइल बा,
तिन जना के बाप के ।
देखी के मार गिराइ ,
ई दुमुहन साप के ।
धत तेरी की ।
बंगाल मे खेल गजब के ,
बे मेल के शादी ।
एक धरम कुछुओ कर लेव ,
दुसरा पर पाबन्दी ।
धत तेरी की ।

राश बिहारी

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

24. जगदीश खेतान जी के दुगो कबिता (45, 46) - माईभाखा कबितई प्रतियोगिता

श्री आशुतोष पाण्डेय उर्फ आशु बाबा के 1गो होरी गीत (10) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018

सुश्री निशा राय जी के 2गो होरी गीत (13, 14) - फगुआ (होरी गीत) संग्रह पहल प्रतियोगिता - 2018